स्मार्ट मीटर से बढ़े बिजली बिलों का विरोध, हमीदपुरा की महिलाओं ने जनसुनवाई में उठाई आवाज
बुरहानपुर (म.प्र.) – शहर में स्मार्ट मीटर लगने के बाद से बिजली बिलों को लेकर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। खासतौर पर गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर इसका असर साफ दिख रहा है। ताजा मामला सामने आया है हमीदपुरा इलाके का, जहां की महिलाओं ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट में हुई जनसुनवाई में पहुंचकर बिजली के बढ़े हुए बिलों के खिलाफ जोरदार शिकायत दर्ज कराई।
Table of Contents
बिल 200 से सीधा 3 हजार? ये कैसा स्मार्ट मीटर!
जनसुनवाई में पहुंची महिलाओं ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने से पहले उनके घरों का बिजली बिल 200 से 300 रुपये तक आता था, लेकिन अब अचानक बिल 2500 से 3000 रुपये तक पहुँच गया है। उनका कहना है कि ना तो घर में कोई नया बिजली उपकरण जोड़ा गया है और ना ही खपत बढ़ी है, फिर भी बिल में इतना फर्क क्यों आ रहा है?
गरीबों पर बढ़ता बोझ
महिलाओं ने दुख जताते हुए कहा –
“हम मजदूरी करने वाले लोग हैं, कभी 100 रुपए तो कभी 200 रुपए रोज़ कमाते हैं। ऐसे में 3000 रुपए का बिजली बिल देना नामुमकिन है। अगर बिल नहीं भरें तो बिजली विभाग वाले कनेक्शन काट देते हैं।”
उन्होंने कहा कि कनेक्शन कटने के कारण उनके घरों में अंधेरा छा जाता है, बच्चों की पढ़ाई रुक जाती है और खाना तक नहीं बन पाता।
जनसुनवाई में रखी ये मांगे:
महिलाओं ने प्रशासन के सामने कुछ प्रमुख मांगें रखीं:
- बिजली के पुराने मीटरों को दोबारा लगाया जाए
- स्मार्ट मीटर की जांच की जाए कि वो सही रीडिंग दे रहे हैं या नहीं
- बढ़े हुए बिलों को घटाकर पहले जैसे किए जाएं
- गरीब और मजदूर वर्ग को राहत दी जाए
क्या बोले अधिकारी?
अधिकारियों ने महिलाओं की शिकायतें गंभीरता से सुनी और उन्हें आश्वासन दिया कि मामले की जांच कराई जाएगी। अगर मीटर में गड़बड़ी पाई गई तो बिलों को संशोधित किया जाएगा और किसी भी गरीब परिवार का कनेक्शन बिना जांच के नहीं काटा जाएगा।
स्मार्ट मीटर से जुड़ी आम समस्याएं
- अचानक बिलों में भारी बढ़ोतरी
- रीडिंग तेज़ दिखाना
- उपभोक्ता को रियल टाइम जानकारी न मिल पाना
- बिना पूर्व सूचना के बिजली कटौती
जनता का सवाल – स्मार्ट मीटर किसके लिए स्मार्ट?
हमीदपुरा की महिलाओं की आवाज अब पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गई है। लोग सवाल कर रहे हैं कि अगर स्मार्ट मीटर आम आदमी को परेशान कर रहा है, तो यह कितना ‘स्मार्ट’ है? क्या तकनीक के नाम पर आम जनता को लूटा जा रहा है?