बुरहानपुर। आजादी का अमृत महोत्सव पूरे देश में जोश और गर्व के साथ मनाया जा रहा है। हर कोई अपने तरीके से इस महोत्सव को खास बना रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में जो नज़ारा दिखा, वह सबसे अलग और अनोखा था। यहां स्वतंत्रता दिवस से पहले ताप्ती नदी के बीच नावों पर सवार होकर तिरंगा यात्रा निकाली गई।
इस खास यात्रा का नेतृत्व बुरहानपुर की पूर्व कैबिनेट मंत्री और विधायक अर्चना चिटनिस ने किया। उनके साथ भाजपा जिलाध्यक्ष, पूर्व महापौर, पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में शहरवासी शामिल हुए। “हर घर तिरंगा” अभियान के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में ताप्ती नदी के बीच नावों पर लहराते तिरंगे ने हर किसी का दिल जीत लिया।
🌊 लहरों के बीच तिरंगे का जलवा
ताप्ती नदी के नागझिरी घाट से शुरू होकर राजघाट तक यह तिरंगा यात्रा निकाली गई। दर्जनों नावें एक साथ तिरंगा लहराती आगे बढ़ीं, तो नदी के दोनों किनारों पर खड़े लोग ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाकर माहौल को और जोशीला बना रहे थे।
लोग घाटों पर जमा होकर इस अनोखे दृश्य का आनंद ले रहे थे। पूरे वातावरण में देशभक्ति का रंग घुल गया था।
तिरंगा यात्रा क्यों थी खास?
अर्चना चिटनिस ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देशभर में आजादी का पर्व अलग-अलग अंदाज में मनाया जा रहा है। “हमने सोचा कि क्यों न अपनी तिरंगा यात्रा ताप्ती नदी से निकाली जाए, जो हमारे शहर की जीवनदायिनी है,” उन्होंने कहा।
चिटनिस ने यह भी बताया कि यह यात्रा सिर्फ देशभक्ति का संदेश देने के लिए नहीं, बल्कि ताप्ती नदी की स्वच्छता और उसके संरक्षण के संकल्प के साथ निकाली गई। उनका कहना था —
“जब हम ताप्ती नदी में तिरंगा यात्रा निकालते हैं, तो हम देश की रक्षा के साथ-साथ पर्यावरण की भी रक्षा का संदेश देते हैं।”
🪢 रक्षाबंधन और तिरंगा यात्रा का अनोखा संगम
इस साल यह तिरंगा यात्रा रक्षाबंधन के दिन निकाली गई। चिटनिस ने इसे प्रकृति से जुड़ाव और जिम्मेदार नागरिक बनने का प्रतीक बताया।
उन्होंने कहा —
“रक्षाबंधन सिर्फ भाई-बहन का त्यौहार नहीं, बल्कि यह हमें याद दिलाता है कि हमें नदियों, पहाड़ों, पेड़ों और प्रकृति की रक्षा भी करनी है।”
इस यात्रा ने रक्षाबंधन और आजादी के पर्व को एक साथ जोड़ते हुए एक खास संदेश दिया कि देश की संस्कृति, पर्यावरण और परंपराएं मिलकर ही भारत को महान बनाती हैं।
🏞 ताप्ती नदी और सांस्कृतिक धरोहर
ताप्ती नदी बुरहानपुर की पहचान और जीवन का अहम हिस्सा है। राजघाट, जहां यात्रा समाप्त हुई, ऐतिहासिक महत्व रखता है और इसका निर्माण अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। चिटनिस ने कहा कि इस यात्रा के जरिए लोगों को अपनी संस्कृति और इतिहास से भी जोड़ा गया।
💬 लोगों का उत्साह और देशभक्ति
इस अनोखी तिरंगा यात्रा में शामिल लोगों के चेहरे पर गर्व और उत्साह साफ झलक रहा था। सभी नावों पर तिरंगा शान से लहरा रहा था और लहरों के बीच वह नज़ारा बेहद शानदार था। घाटों पर मौजूद लोग लगातार नारे लगाकर यात्रा में शामिल हो रहे थे।
🌏 संदेश सिर्फ बुरहानपुर के लिए नहीं, पूरे देश के लिए
अर्चना चिटनिस ने कहा —
“अगर हम जिम्मेदार और समझदार नागरिक बनें तो भारत हमेशा दुनिया में सिरमौर रहेगा।”
उन्होंने अपील की कि लोग न केवल देशभक्ति दिखाएं, बल्कि प्रकृति और पर्यावरण की भी रक्षा करें।
📌 मुख्य आकर्षण
- स्थान: बुरहानपुर, ताप्ती नदी
- रूट: नागझिरी घाट से राजघाट
- नेतृत्व: अर्चना चिटनिस (विधायक, पूर्व कैबिनेट मंत्री)
- उद्देश्य: हर घर तिरंगा अभियान, नदी संरक्षण, पर्यावरण संदेश
- विशेषता: रक्षाबंधन और तिरंगा यात्रा का संगम
यह तिरंगा यात्रा सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि देशभक्ति, सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरण संरक्षण का संगम बनकर लोगों के दिलों में हमेशा के लिए बस गई।