बुरहानपुर (म.प्र.)।** शिक्षा ही इंसान के भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी है और इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी बुरहानपुर ने रविवार को अपना 18वां मेधावी मुस्लिम छात्र प्रतिभा सम्मान समारोह धूमधाम से आयोजित किया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शहर और आसपास के 300 से ज्यादा मेधावी छात्रों को ट्रॉफी, नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर न सिर्फ बच्चे बल्कि उनके अभिभावक भी बड़ी संख्या में मौजूद थे। बच्चों के चेहरे पर सम्मान की खुशी साफ झलक रही थी तो वहीं माता-पिता का गर्व भी देखने लायक था।
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समारोह का भव्य आयोजन
कार्यक्रम की शुरुआत कुरआन की तिलावत और तिलावत-ए-कलाम से हुई। इसके बाद सोसायटी के अध्यक्ष जुज़र अली और सचिव शऊर आशना साहब ने मंच से सभी मेहमानों और विद्यार्थियों का स्वागत किया।
उन्होंने बताया कि यह सम्मान समारोह सिर्फ छात्रों को ट्रॉफी और नकद इनाम देने का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि इसका असली मकसद बच्चों में पढ़ाई के प्रति आत्मविश्वास जगाना और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है।
उन्होंने कहा – “बच्चे हमारी कौम और मुल्क का भविष्य हैं। अगर हम उन्हें सही दिशा और प्रोत्साहन देंगे तो आने वाला कल जरूर रोशन होगा।”
पीएचडी प्राप्त विद्वानों का भी सम्मान
इस वर्ष के समारोह की खासियत यह रही कि इसमें उन शख्सियतों को भी सम्मानित किया गया जिन्हें हाल ही में पीएचडी की उपाधि मिली है। समाज के इन विद्वानों को मंच पर बुलाकर शॉल, श्रीफल और सम्मानपत्र देकर नवाजा गया।
जुज़र अली साहब ने कहा कि जब समाज में विद्वानों को सम्मान मिलता है, तो न सिर्फ बच्चों बल्कि पूरी नई पीढ़ी को शिक्षा की ओर आकर्षित करने की प्रेरणा मिलती है।
बाहर से आए मेहमानों ने बढ़ाया उत्साह
कार्यक्रम में बुरहानपुर के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से भी मेहमान शरीक हुए।
- जलगांव से पधारे करीम सालार साहब ने बच्चों को मेहनत और लगन के महत्व पर समझाया।
- खंडवा से आए शिक्षाविद और पूर्व उपकुलसचिव लुक़मान मसूद साहब ने शिक्षा को समाज की रीढ़ बताते हुए कहा कि सिर्फ डिग्री लेना ही काफी नहीं, बल्कि शिक्षा का सही इस्तेमाल करना ही असली मकसद है।
- सतना से आए नियाज़ अहमद और इमरान खान साहब ने भी बच्चों को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा और आधुनिक तकनीक की अहमियत पर जोर दिया।
बच्चों और अभिभावकों में उत्साह
कार्यक्रम में सम्मानित हुए बच्चों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें इस सम्मान से और मेहनत करने की प्रेरणा मिली है। कई बच्चों ने कहा कि उनका सपना अब डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस और प्रोफेसर बनकर समाज की सेवा करना है।
मौजूद अभिभावकों ने भी सोसायटी का आभार जताया। उनका कहना था कि ऐसे सम्मान समारोह बच्चों के आत्मविश्वास को दोगुना कर देते हैं और वे शिक्षा के महत्व को और अच्छे से समझ पाते हैं।
शिक्षा ही असली तालीम
समारोह के दौरान वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि आज के समय में शिक्षा ही इंसान की असली पहचान है। बिना शिक्षा के कोई भी समाज तरक्की नहीं कर सकता।
जुज़र अली और शऊर आशना साहब ने कहा कि मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी का मकसद सिर्फ किताबों तक सीमित शिक्षा देना नहीं है, बल्कि बच्चों में तालीम के साथ-साथ नैतिकता, संस्कार और जिम्मेदारी का भाव भी जगाना है।
सोसायटी की उपलब्धियां
मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी पिछले कई दशकों से शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही है। शहर और आसपास के हजारों बच्चों को इस सोसायटी की पहल से बेहतरीन शिक्षा और मार्गदर्शन मिला है।
हर साल आयोजित होने वाला यह सम्मान समारोह सोसायटी की उसी कड़ी का हिस्सा है, जो समाज को यह संदेश देता है कि मेहनत करने वालों की कद्र हमेशा की जाती है।
निष्कर्ष
बुरहानपुर में आयोजित यह 18वां मेधावी मुस्लिम छात्र प्रतिभा सम्मान समारोह न सिर्फ बच्चों और उनके परिवारों के लिए यादगार रहा, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक संदेश लेकर आया।
इस आयोजन ने यह साबित किया कि जब समाज मिलकर शिक्षा को प्राथमिकता देता है, तो आने वाली पीढ़ी हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाती है।