Friday, October 10, 2025
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तेंदुए ने बकरी का किया शिकार, बचाने गए चरवाहे पर हमला – ग्रामीणों में दहशत का माहौल

by NEWS DESK
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कटनी/बरही। जिले के बरही थाना क्षेत्र के उबरा गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया जब बुधवार की दोपहर एक तेंदुए ने अचानक खेतों में बकरियां चराते एक चरवाहे पर हमला कर दिया। तेंदुए ने पहले एक बकरी को अपना शिकार बनाया और जब चरवाहा उसे बचाने दौड़ा तो उस पर भी झपट पड़ा। इस घटना में चरवाहा घायल हो गया, जिसे आनन-फानन में बरही अस्पताल पहुंचाया गया। फिलहाल उसका इलाज जारी है और हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।


📌 घटना कैसे हुई?

बुधवार दोपहर करीब 2 बजे 55 वर्षीय सुदामा कोल, पिता बैसाखू कोल, अपने बकरियों को चराने खेतों की ओर गया था।

  • वह राजू बागरी के खेत के पास गढ़ी के समीप बकरियां चरा रहा था।
  • तभी पास की झाड़ियों से अचानक तेंदुआ निकल आया और उसने झपट्टा मारकर एक बकरी को पकड़ लिया।
  • बकरी की चीख-पुकार सुनकर सुदामा कोल उसे बचाने दौड़ा, लेकिन तभी तेंदुआ उस पर भी टूट पड़ा।

सुदामा कोल को तेंदुए ने घायल कर दिया। वह गंभीर चोटिल हो गया और मदद के लिए शोर मचाने लगा। उसकी आवाज सुनकर पास के खेतों में काम कर रहे किसान और ग्रामीण वहां पहुंचे। ग्रामीणों ने मिलकर किसी तरह उसकी जान बचाई, जबकि तेंदुआ झाड़ियों में भागकर छिप गया।


🚨 तुरंत इलाज और वन विभाग की कार्रवाई

घटना की सूचना पर विजयराघवगढ़ वन परिक्षेत्र से वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। रेंजर ओम प्रकाश भलावी, डिप्टी रेंजर रमेश कुमार काछी, राकेश तिवारी, दुर्गा प्रसाद दुबे और दीपक यादव ने घायल को तत्काल बरही अस्पताल पहुंचाया।

अस्पताल सूत्रों के अनुसार, चरवाहे को मामूली चोटें आई हैं और उसका इलाज जारी है। डॉक्टरों का कहना है कि खतरे की कोई बात नहीं है और जल्द ही वह पूरी तरह ठीक हो जाएगा।


🌾 ग्रामीणों में दहशत

गांव के लोगों का कहना है कि इस घटना के बाद से खेतों और आसपास के इलाके में डर का माहौल है। ग्रामीण अब खेतों में अकेले जाने से डर रहे हैं। खासकर वे लोग जो मवेशी चराने जंगल और खेतों में जाते हैं, काफी सहमे हुए हैं।

किसानों ने बताया कि हाल के दिनों में बाघ और तेंदुए की गतिविधियां इस इलाके में बढ़ गई हैं। खेतों और गांव के आसपास इनका दिखना अब आम होता जा रहा है, जिससे रोज़मर्रा का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है।


👮 सुरक्षा के लिए वन विभाग अलर्ट

वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।

  • ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
  • मवेशियों को जंगल और झाड़ियों के पास चराने से मना किया गया है।
  • टीम लगातार इलाके की निगरानी कर रही है ताकि दोबारा ऐसी घटना न हो।

रेंजर ओम प्रकाश भलावी ने बताया कि –

“ग्रामीणों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है और लोगों को सतर्क रहने की अपील की जा रही है।”


🐾 बाघ की मौजूदगी से भी दहशत

इसी दौरान आसपास के क्षेत्रों में बाघ देखे जाने की खबरें भी सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि बस्ती के नजदीक एक बाघ को देखा गया, जिससे किसानों और ग्रामीणों में दहशत और बढ़ गई है।

वन विभाग ने इस पर भी नजर रखी है और ग्रामीणों को समझाया है कि –

  • अकेले खेतों या जंगल की ओर न जाएं।
  • बच्चों और मवेशियों को खेतों के पास खुला न छोड़ें।
  • किसी भी संदिग्ध हलचल या वन्यजीव को देखने पर तुरंत वन विभाग को सूचना दें।

📝 घटनाओं का सिलसिला

पिछले कुछ महीनों में जिले के कई हिस्सों से तेंदुआ और बाघ दिखने की घटनाएं सामने आई हैं। कई बार ये जंगली जानवर गांवों तक आ जाते हैं और मवेशियों को निशाना बनाते हैं।

वन विभाग का कहना है कि बारिश के मौसम में अक्सर जंगली जानवर जंगल से बाहर निकलकर इंसानी बस्तियों के पास आ जाते हैं। पानी और शिकार की तलाश में ये गांवों तक पहुंच जाते हैं।


🙏 ग्रामीणों की अपील

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि –

  • गांव और खेतों के आसपास पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए।
  • वन्यजीवों को पकड़कर जंगल में सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाए।
  • गांव के लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाए।

उनका कहना है कि जब तक तेंदुआ और बाघ को जंगल की ओर न भेजा जाए, तब तक उनका भय खत्म नहीं होगा।


📍 निष्कर्ष

उबरा गांव में तेंदुए के हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि इंसान और जंगली जानवरों के बीच का टकराव लगातार बढ़ रहा है। ग्रामीणों में दहशत है, लेकिन वन विभाग ने सुरक्षा और गश्त बढ़ाकर लोगों को राहत देने की कोशिश की है।

चरवाहे सुदामा कोल की जान तो बच गई, लेकिन यह घटना चेतावनी है कि जंगल के करीब रहने वाले लोगों को अब और ज्यादा सतर्क रहना होगा।

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